क्रिकेट

आईपीएल 2021: जानिए कौन थी वो महिला जिसके साथ LIVE मैच में फ्लर्ट करते दिखे RCB के काइल जैमीसन

सोमवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले गए मुकाबले में आरसीबी के तेज गेंदबाज काइल जैमीसन मैदान पर कुछ खास नहीं कर सके। लेकिन मैदान के बाहर वो अलग ही दुनिया में नजर आ रहे थे जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। हुआ यूं कि काइल जैमीसन डगआउट में बैठे हुए थे और वे पास में बैठी एक लड़की को देखकर मुस्कुरा रहे थे। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर इस लड़की को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।


दरअसल जिस महिला को आरसीबी के डग आउट में देखा गया, वो आरसीबी टीम की मसाज थेरेपिस्ट नवनीता गौतम हैं। उन्हें आईपीएल 2020 में पहली बार आरसीबी की टीम ने बतौर मसाज थेरेपिस्ट अपनी टीम में शामिल किया था। आरसीबी के इस कदम को काफी सराहनीय माना गया था, क्योंकि आईपीएल की टीमों के स्टाफ में महिलाएं न के बराबर ही होती हैं।

केकेआर के गेंदबाजों के सामने जब आरसीबी के बल्लेबाज एक के बाद एक ढेर हो रहे थे तब डगआउट में अपनी बल्लेबाजी का इंतजार कर रहे काइल जैमीसन को अपनी ही दुनिया में मस्त होता देखा गया। डगआउट में बैठे काइल जैमीसन आरसीबी की मसाज थेरेपिस्ट नवनीता गौतम को देखकर मुस्कुराते हुए नजर आए। वहीं नवनीता गौतम के चेहरे पर भी हंसी साफ देखी जा सकती थी। यह वाक्या जिस वक्त हुआ उस वक्त आरसीबी का स्कोर 54 रनों पर चार विकेट था। डगआउट में कप्तान विराट कोहली के अलावा अन्य सभी खिलाड़ियों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी सिवाय काइल जैमीसन को छोड़कर।

कौन है नवनीता गौतम

नवनीता का जन्म 11 अप्रैल, 1992 को वैंकूवर, ब्रिटिश कोलम्बिया, कनाडा में हुआ। वैंकूवर में प्राइमरी एजुकेशन लेने के बाद उन्होंने सर चार्ल्स टपर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई की। बैचलर ऑफ एथलेटिक एंड एक्सरसाइज थेरेपी का कोर्स उन्होंने कैमसन कॉलेज, कनाडा से किया। उन्होंने पहले बतौर इंटर्न काम किया और अब वह धीरे-धीरे खेलों की दुनिया में आ गई।

कनाडा की रहने वाली नवनीता गौतम टोरंटो नेशनल ग्लोबल टी20 कनाडा लीग में काम कर चुकी है। इसके अलावा, 29 वर्षीय महिला थेरेपिस्ट ने अपने एशिया कप अभियान के दौरान भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम के लिए सहायक स्टाफ सदस्य के रूप में काम किया है।

एक बातचीत में उनसे जब पूछा गया था कि उन्हें आरसीबी के साथ काम करना क्या अजीब लगता है तो उन्होंने बताया कि,

“बिल्कुल नहीं। यह हर समय 20 भाइयों के आसपास रहने जैसा है। धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, परिवर्तन हो रहा है। मेरा मानना ​​​​है कि जब तक खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ आपके काम पर भरोसा करते हैं, तब तक लिंग कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए क्योंकि हम सभी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *