YOU TUBE से सीखकर किया गोल्ड मैडल अपने नाम, किया देश का नाम रोशन
Delhi: आज देश के हर नागरिक को नीरज चोपड़ा पर गर्व हो रहा है। टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर एक ऐसा इतिहास रच दिया है जो आगे आने वाले समय में। कोई नहीं कर पाएगा। ओलंपिक के मैदान में पहली ही दफा नीरज ने 86.65 मीटर भाला फेंक कर क्वालिफिकेशन राउंड में पहली ही कोशिश पर सभी के लिए गोल्ड जीतने की उम्मीद जता दी थी।
इस तरह से उन्होंने प्रथम पाॅजीशन के साथ फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया और फाइनल में वे करोड़ों भारतीय दिलों की उम्मीदों पर खरे उतरे। भारत के इस बेटे ने जहां एक ओर अपनी किस्मत के द्वार खोले हैं तो वहीं अपने गरीब माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरकर उनका मान बढ़़ाया है।
नीरज एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं इनके माता पिता बेहद गरीब हैं। 17 सदस्यों वाले इस संयुक्त परिवार के बेटे ने अपने पूरे परिवार का मान बढ़ाने के साथ करियर में भविष्य के लिए कई रास्ते खोल दिए हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद नीरज ने बहुत ही मुश्किल से जेवलिन थ्रो के लिए भाला खरीदा था और मात्र 7 हजार रुपए के भाले से उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी थी क्योंकि जेवलिन थ्रो वाला भाला ढेड़ लाख का आता है।
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नीरज चोपड़ा भले ही आज देश के नागरिकों के दिलों में छाए हुए हैं लेकिन असलियत यह है कि उनका शुरू से ही कोई कोच नहीं रहा है। जब उनका इंटरेस्ट इस गेम की तरफ बढ़ता गया तो वह हर रोज इसकी कम से कम 7-8 घंटे प्रेक्टिस करते रहे। थ्रो के सही माध्यम को समझने के लिए उन्होंने Youtube को सहारा बनाया।
हर दिन वीडियो देखते और अपने परफार्मेंश में सुधार करने की कोशिश में लगे रहते। खेल की तरफ धीरे-धीरे ओर आगे बढ़ते हुए उन्होंने यमुना नगर में इसकी ट्रेनिंग करना शुरू की। इसके बाद से ही नीरज सफलता के शिखर पर चढ़ने लगे और अब वह टोक्यो ओलंपिक में सुपरस्टार बनकर सामने आए।
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बावजूद रियो नहीं जा पाए थे
नीरज ने 2016 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया, उसके बावजूद वे रियो के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे। नीरज ने यह कारनामा 23 जुलाई को किया था, जबकि रियो के लिए क्वालिफाई की आखिरी तारीख 23 जुलाई थी।
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नायब सूबेदार बनाया
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमिश्नर ऑफिसर का पद देते हुए नायब सूबेदार पर नियुक्त किया। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीते हैं।
नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 मेडल जीत चुके हैं
नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं। वे 2018 में जकार्ता एशियन मेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। जबकि 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।