कावड़ पर मां को बिठाकर सुल्तानगंज से चला एक युवक देवघर, कलयुग में मिला श्रवण जैसा बेटा सुने कहानी…….
कावड़ पर मां को बिठाकर सुल्तानगंज से चला एक युवक देवघर, कलयुग में मिला श्रवण जैसा बेटा सुने कहानी…….
4 जुलाई को श्रावणी मेले का उद्घाटन चालू हुआ पहले ही दिन लाखों की तादात में श्रद्धालुओं की संख्या सुल्तानगंज में दिखी सुल्तानगंज में जल भरा और देवघर के लिए निकले इसी दौरान कलयुग का श्रवण कुमार भी देखने को मिला आज भी ऐसे बैठे हैं
जो अपने माता पिता को भगवान की पूजा अर्चना कराने के लिए प्रयासरत रहते हैं मंगलवार 4 जुलाई को सावन की शुरुआत हुई और सावन की शुरुआत होते ही कांवरिया पथ पर कुछ ऐसा ही नजारा मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर कलयुग का श्रवण कुमार कावड़ पर वृद्ध माता-पिता को बिठाकर सुल्तानगंज से लेकर देवघर जा रहा था
यह नजारा देखकर अन्य लोग और श्रद्धालु आश्चर्य में थे दर्शन मंगलवार को कुरावल जलधारा और बाबा धाम के लिए निकल पड़े मेले के उद्घाटन के बाद मुंगेर के कच्ची कांवरिया पथ पर देवघर जाने वाले लोगों का हुजूम लगा हुआ था
कांवरिया ने सुल्तानगंज घाट से जल धारा और बाबा धाम के दर्शन के लिए निकल पड़े पहले दिन लाखों की तादाद में श्रद्धालु वहां एकजुट हुए इसी दौरान श्रवण कुमार को देखकर लोगों को एक प्रोत्साहन मिला लोगों ने कहा कहां मिलते हैं
ऐसे बेटे मां बीमार थी और मां ने प्रण लिया था कि वह बाबा धाम के दर्शन करेंगे अगर उनकी मां ठीक हो गई तो अपनी मां को रहेंगी पर लेकर बाबा धाम आएंगे अब इसी प्राण को पूरा करने के लिए द अन्य भाइयों और परिवार के साथ अपने दोनों अन्य इस बार मां को कावड़ पर लेकर बाबा धाम जा रहे हैं
उनके साथ पूरा परिवार भी इस यात्रा में शामिल था तीनों भाइयों के सहयोग से उन्होंने माता-पिता को कावड़ यात्रा के द्वारा बाबा धाम के दर्शन कराए कावड़ पर बैठी द्रोपती देवी ने कहा उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है और आंसू आ रहे हैं
कि इतनी खुशी हो रही है कि इतने अच्छे बेटे हैं उनके और वह भावुक होकर कह रही हैं कि हम तो धन्य हो गए ऐसे बेटे पाकर इस युग में ऐसी संतान सिर्फ किताबी दुनिया में ही मिलती है
मगर मेरे बेटे ने मेरा सपना साकार किया है हम भगवान भोलेनाथ से यही मांगते हैं कि हे भगवान हमारे तीनों बेटे बहुत खुश रहें