श्री गौतम अडानी ने साइकिल पर साड़ियां बेचने से लेकर विश्व के सबसे बड़े बिजनेस मेन बनने तक का सफर

श्री गौतम अडानी ने साइकिल पर साड़ियां बेचने से लेकर विश्व के सबसे बड़े बिजनेस मेन बनने तक का सफर इस तरह की मेहनत से किया था, यहां तक पहुंचने के लिए गौतम अडानी ने खून पसीना बहाया है और काफी मेहनत की बदौलत वह यहां तक पहुंच पाए हैं. एक समय था जब गौतम अडानी अपने पिता के साथ लोगों के घर जा जाकर साड़ियां बेचते थे.
इसी दौरान उनकी मुलाकात मलाई महादेविया से हुई और दोनों दोस्त बन गए. आपको बता दें कि दोनों आज भी साथ है और पहले तो वह अहमदाबाद में काम किए और जब काम वहां आगे नहीं बढ़ा तो वह मुंबई चले गए.और कई साल एक चाल के गंदे से कमरे में रहे 16 साल की उम्र में 10 रुपए लेकर उन्होंने घर छोड़ा और मुंबई में एक हीरा व्यापारी के यहां उन्हें नौकरी मिल गई.
कुछ महीने काम करने के बाद उनके भाई मनसुखलाल ने उन्हें घर बुला लिया उसके बाद वह भाई के साथ मिलकर प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे. 1988 में भाई के साथ उन्होंने एक कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज की स्थापना की और उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने बिजनेस के क्षेत्र में कदम रख दिया. हर सफलता के पीछे कड़ी मेहनत और परिश्रम होता है ये बो लोग क्या जाने जिन्होंने जिंदगी में दूसरों पर आरोप लगाने के अलावा कुछ नही किया बाप दादा के नाम पर जो अपनी रोटियां सेकते आ रहे हैं,उनसे ऊपर आज अदानी जी बिजनेस की दुनिया के बहुत बड़े और भरोसेमंद नाम बन चुके हैं.