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पति की मौत के बाद संभाली परिवार की जिम्मेदारी, मुश्किलों का सामना कर बनी सफल बिजनेसवुमन

महिलाओं को आमतौर पर कुछ लोगों द्वारा कम करके आंका जाता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि महिलाएं अपने जीवन में कुछ नहीं कर सकतीं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने आज एक सफल बिजनेस वुमन के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने हर उस शख्स को जवाब दिया है जो महिलाओं को कमतर आंकता है.


इस महिला उद्यमी का नाम मीरा गूजर है। मीरा ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है। लेकिन आज वह एक सफल बिजनेसवुमन बन गई हैं। मीरा के लिए पति की मौत के बाद भी परिवार संभालना बहुत मुश्किल था, लेकिन मीरा ने हार नहीं मानी और हिम्मत के साथ आगे बढ़ गईं. आज मीरा ने साबित कर दिया है कि हौसले बुलंद हैं तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। आइए जानते हैं मीरा गूजर के बारे में।

मीरा सतरस की रहने वाली है

जिंदगी कब क्या मोड़ ले ले किसी को कुछ पता नहीं होता। जीवन में कई बार मुश्किलें आती हैं, लेकिन इन मुश्किलों से निकलने वाले ही इनका डटकर सामना कर सकते हैं। आज एक ऐसी महिला की कहानी जो आज सबके लिए प्रेरणा बन गई है। यह महिला कोई और नहीं बल्कि मीरा गूजर है। मीरा ने आज साबित कर दिया है कि आप चाहें तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। मीरा महाराष्ट्र के सतारा जिले की रहने वाली हैं।

मीरा ने उस व्यवसाय को अपनाकर अपना नाम बनाया है जो हमेशा से पुरुषों के लिए ही माना जाता रहा है। लेकिन इसके लिए मीरा को काफी संघर्ष भी करना पड़ा, यह उनके लिए भी आसान नहीं था। लेकिन मीरा की खास बात यह है कि उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और समझदारी से हर मुश्किल को पार किया। पति के जाने के बाद मीरा ने न सिर्फ उनका बिजनेस संभाला बल्कि अपने परिवार की पार्टी की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली।

शादी के कुछ साल बाद टूटा दुखों का पहाड़

दरअसल मीरा की शादी 1985 में हुई थी। उस वक्त उनकी उम्र महज 19 साल थी। बहुत कम उम्र में शादीशुदा होने के कारण मीरा अपनी ग्रेजुएशन भी पूरी नहीं कर पाई थी। शादी के वक्त वह ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर में थी। जिस परिवार में मीरा की शादी हुई थी वह आर्थिक रूप से काफी संपन्न था। वहीं उसका पति भी सीमेंट का कारोबार करता था। एक साल बाद मीरा को एक बेटी हुई और दो साल बाद उन्हें एक बेटा हुआ।


मीरा की लाइफ में सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन यह तूफान से पहले की शांति थी। कुछ समय बाद मीरा के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने मीरा को पूरी तरह से तोड़ दिया। दरअसल, अचानक मीरा के पति को अटैक आया और उनकी मौत हो गई। अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी मीरा के कंधों पर आ गई थी। लेकिन मीरा को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें।

सास समर्थित

दो बच्चों की परवरिश के साथ-साथ घर की जिम्मेदारी संभालना वाकई मुश्किल था। लेकिन मीरा ने हार नहीं मानी। मीरा के लिए अपने पति का व्यवसाय चलाना भी आसान नहीं था क्योंकि वह इस व्यवसाय के बारे में अधिक नहीं जानती थी। साथ ही वह ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं थी। लेकिन उसे अपने अस्तित्व के लिए कुछ करने की जरूरत थी। इसके लिए मीरा ने पहले स्टेशनरी का काम किया लेकिन उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली।

इसके बाद मीरा ने मोमबत्ती बनाने का काम शुरू किया। लेकिन मीरा को मार्केट में वैक्स को लेकर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि यह काम कुछ दिनों तक तो ठीक चला लेकिन फिर इसे भी रोकना पड़ा। अब मीरा ने अपनी पार्टी का बिजनेस संभालने का फैसला किया। इस काम में मीरा के ससुर ने भी उनका साथ दिया। हालांकि मीरा के लिए यह मुश्किल जरूर था लेकिन नामुमकिन नहीं।

पति के व्यवसाय को ऊंचाइयों पर ले जाकर मिली सफलता

मीरा ने अब पुराने परिचित की मदद से इस धंधे को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। योरस्टोरी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान मीरा ने बताया था कि इस बिजनेस में एडजस्ट करना उनके लिए सबसे ज्यादा चैलेंजिंग था। शुरू-शुरू में तो वह किसी सम्मेलन में जाने से भी कतराते थे। लेकिन मीरा ने अपने डर पर काबू पा लिया और आगे बढ़ने का फैसला किया। मीरा के ससुर भी हर कदम पर उनका साथ देते थे। ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

अब धीरे-धीरे समय बीत रहा था और इस क्षेत्र में मीरा की समझ भी विकसित हो रही थी। लोग क्या कहेंगे जैसे सवालों से बाहर निकलकर मीरा काफी आगे निकल चुकी थी। उन्होंने पूरी मेहनत के साथ इस व्यवसाय को आगे बढ़ाने का फैसला किया और अपने अनुभव के साथ इस व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले गए। आज वह इस व्यवसाय से अच्छी खासी कमाई भी कर रही हैं।

वहीं उनके संघर्ष और सराहनीय कार्य के लिए उन्हें 2006 में महिला एवं बाल कल्याण समिति द्वारा आदर्श महिला पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें 2008 में स्वयंसिद्ध पुरस्कार और 2015 में व्यवसाय सेवा पुरस्कार भी मिल चुका है। आज उनका बेटा भी इस धंधे में उनकी मदद कर रहा है।

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