ऐक्ट्रेस तब्बसुम उन लकी सितारों में से एक हैं, जिन्हें लता मंगेशकर के साथ काम करने का अवसर मिला

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भारत की सबसे प्रतिष्ठित पार्श्वगायिका हैं जिन्होंने कई फिल्मी और गैरफिल्मी यादगार गीत गाए हैं। दुनिया भर में उनके करोड़ों प्रशंसक हैं जो लता को मां सरस्वती का अवतार मानते हैं। लता ने हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों में गीत गाए हैं। मुख्यत: उन्होंने हिंदी, मराठी और बंगाली में गाने गाए हैं। वे 36 से ज्यादा भाषाओं में गीत गा चुकी हैं जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। लता जी के बारे में कुछ भी कहना सूरत को दीया दिखाना है। मेरे पास जीवन में कभी शब्दों की कमी नहीं रही, लेकिन अगर मैं लता जी के बारे में कहना चाहती हूं, तो मुझे लगता है कि जो सभी पूरी दुनिया में हर भाषा को जोड़ते है।


युग बीत जाएंगे, कई पीढ़ियां आएंगी और चली जाएंगी, लेकिन लता जैसा कोई नहीं होगा। अब जहां तक ​​संगीता की बात है तो सभी जानते हैं कि सरस्वती उनके गले में बैठी थीं। वह सरस्वती देवी का रूप थी। संगीत के बारे में क्या कहें, ये बातें सभी मीडिया चारों तरफ कह रही हैं, लेकिन मैं आपको कुछ ऐसी बातें बताना चाहता हूं जो कोई नहीं जानता कि मेरे और उनके बीच क्या हुआ था।

पहली बात तो यह कि उन्होंने भी अपने फिल्मी सफर की में पहले उन्होंने मराठी फिल्मों में काम किया, फिर मराठी फिल्मों में गाने गाए। उसके बाद वह हिंदी फिल्मों में आईं। जब वह हिंदी फिल्मों में आईं तो सौभाग्य से मैं भी एक बहुत प्रसिद्ध बाल कलाकार थी, तबस्सुम की 40 के दशक में बहुत प्रसिद्धि थी।

जब एक फिल्म बन रही थी, मुझे लगता है कि 1949 में, तब लता जी की ‘महल’ आई थी। उस फिल्म की नायिका सुरैया थी और नायक रहमान थे और संगीत था हुस्नलाल भगतराम। उस समय ऐसा नहीं था कि अगर आपके पास काम नहीं है, तो आप जाते हैं, एक परिवार की तरह, सभी एक साथ काम करते थे जैसे वे एक साथ खाते हैं। अगर कोई कलाकार शॉट दे रहा है तो ऐसा नहीं है कि कोई और कलाकार कहीं बाहर जाकर खा-पीकर आ जाए। उन दिनों वैनिटी वैन नहीं हुआ करती थी। वहां सभी मौजूद थे। ऐसा लग रहा था जैसे हम सब किसी घर के बड़े ड्राइंग रूम में बैठकर शूटिंग कर रहे हों।

एक बात तो सभी जानते हैं कि लता मंगेशकर मिसेज नहीं थीं, वह कुमारी थीं। वह छोटी से लेकर बड़ी तक वैसी ही रही, मैं एक बहुत छोटी, कुरकुरी पटाखा बच्ची से एक समझदार तबस्सुम बन गई थी। मुझे खेद है कि मैं टेलीविजन पर उनका साक्षात्कार नहीं कर सका। लेकिन वे अक्सर बातें करते थे। कभी-कभी पार्टियों में बैठकें होती थीं। एक बार मैंने उनसे पूछा कि लता दीदी, मुझे बताओ कि ऐसा न हो कि पूरी दुनिया को पता चले कि तुम अविवाहित हो, तुमने शादी नहीं की, तो तुम्हारी मांग में यह सिंदूर किसका नाम है। पहले तो वह मुस्कुराई और फिर उसने मुझे एक हंसी दी और कहा कि छोटी बच्ची तबस्सुम जिसे मैं चॉकलेट खिलाती थी, आज बचपन में उसकी हिम्मत देखो कि वह मुझसे मेरी जिंदगी का इतना गहरा और छिपा हुआ सवाल पूछ रही है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- बेटा, संगीत ही मेरा सब कुछ है।


मैं लता जी का आभारी हूं, उन्होंने मेरे लिए गीत गाए, उन्होंने बचपन से लेकर बड़े होने तक मेरे लिए गीत गाए। मुझे अपना बचपन का गाना याद है क्योंकि इसने मेरे बचपन को अमर कर दिया। गाने के बोल थे- बचपन के दिन मत भूलना, आज हंसी कल रूला ना देना। इस गाने को 70 साल से ज्यादा हो गए हैं।

खुद लता ने कहा कि वे नहीं जानती कि उन्होंने कितने गाने गाए क्योंकि उन्होंने कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। गिनीज़ बुक में भी उनका नाम शामिल किया गया था, लेकिन इसको लेकर भी खासा विवाद हुआ। 25 या 30 हजार गानों की बातें करना बेमानी है। लगभग 5 से 6 हजार गीतों में लता ने अपनी आवाज दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *