स्क्रैप से फार्म वाहन, अब इस वाहन को शार्क टैंक में मिली सफलता
महाराष्ट्र: आज भी हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने जुगाड़ के जरिए अपना नाम बनाया है. हम जानते हैं कि खेती करना वास्तव में कठिन है और इसमें बहुत मेहनत भी लगती है। आज बेशक इस क्षेत्र में कई नई तकनीकें आ गई हैं, लेकिन कुछ किसान इन तकनीकों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। वहीं कई युवा भी खेती को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

आज हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने आज सचमुच खेती को आसान बनाने का काम किया है। इसके लिए उन्होंने कबाड़ से ही खेती के वाहन का आविष्कार किया है। इस युवक का नाम कमलेश है, जिसके काम को अब शार्क टैंक इंडिया में काफी पसंद किया जाने लगा है। इस आविष्कार से खेती को आसान बनाने का प्रयास किया गया है। कमलेश के इस अविष्कार को आज हर कोई पसंद कर रहा है.
कमलेश महाराष्ट्र के रहने वाले हैं
आज भारत में जुगाड़ का दौर बहुत बढ़ गया है। लोग अपने काम को आसान बनाने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कृषि में जुगाड़ के कई अविष्कार देखने को मिल रहे हैं. खेती जैसे मुश्किल काम को आसान बनाने के लिए कई किसान तरह-तरह के जुगाड़ भी इजाद कर रहे हैं. 9 ऐसी है कहानी एक ऐसे युवक की जिसने आज आविष्कार के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। इस युवक का नाम कमलेश है, जो महाराष्ट्र के मालेगांव का रहने वाला है।
हाल ही में कमलेश को शार्क टैंक इंडिया में देखा गया था जहां उन्होंने जीत हासिल की है। बता दें कि कमलेश ने जुगाड़ और कबाड़ से खेती करने वाला एक वाहन तैयार किया था, जिसके लिए अब उन्हें पूरे देश में पहचान मिल रही है. उनका यह आविष्कार उन्हें शार्क टैंक इंडिया के मंच पर ले गया जहां कमलेश ने भी जीत हासिल की। अब उनकी कहानी सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है।
कबाड़ से आविष्कार
27 साल के कमलेश का आज हर कोई फैन हो गया है. उन्होंने साबित कर दिया है कि भारतीय युवाओं में सब कुछ करने की ताकत है। जो लोग संसाधन होने के बाद भी नहीं कर पा रहे हैं, वह कमलेश ने कम संसाधनों में किया है। कमलेश हमेशा कबाड़ जमा कर करतब दिखाने का काम करता था। वह अपने जुगाड़ से कई अविष्कार करता था। वहीं जब वह इन आविष्कारों को गांव में दिखाते थे तो गांव वाले भी हैरान रह जाते थे.
वहीं खास बात यह रही कि कमलेश ने जो भी आविष्कार किया वह किसानों से जुड़ा था, जिसका मकसद किसानों के काम को आसान बनाना था। उनके उत्पाद अच्छे थे लेकिन उनके पास कोई व्यवसायिक विचार और स्वयं का उत्पाद नहीं था। वहीं कमलेश की हमेशा से पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं रही है। बीसीए की पढ़ाई में भी कमलेश एक पेपर में तीन बार फेल हुए। लेकिन आविष्कारों के क्षेत्र में उनकी अच्छी समझ है।
ऐसे आया खेती का वाहन बनाने का विचार
दरअसल यह बात साल 2014 की है जब कमलेश के पिता ने उन्हें खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने को कहा था। इस टैंक का वजन करीब 20 लीटर था, जिसे कमर पर ढोकर स्प्रे करना था। कमलेश के लिए यह वास्तव में कठिन था। तभी उन्होंने इस समस्या का हल निकालने का फैसला किया और इसके लिए अपना जुगाड़ लगाया. इसके लिए कमलेश ने दिन-रात मेहनत की, जिसके बाद उन्होंने मल्टी यूज ट्रॉली बनाई।
कमलेश को इस ट्रॉली को बनाने में करीब 7 साल लगे, लेकिन आज उन्होंने इस ट्रॉली से अपनी पहचान बना ली है. हालाँकि शुरू में उसके पास अपने आविष्कार को किसानों तक ले जाने का कोई साधन नहीं था, फिर भी उसकी बहन और देवर ने उसे शार्क टैंक के बारे में बताया। शो में उनके आइडिया को काफी पसंद भी किया गया था और इसमें उन्हें एंट्री भी मिली थी.
वहीं इससे पहले भी कमलेश ने कई अविष्कार किए थे. किसानों को बारिश में ट्रैक्टर चलाने में परेशानी होती थी, इसलिए उन्होंने एक केबिन वाला ट्रैक्टर बनाया। साथ ही उन्होंने खेतों में बीज बोने की मशीन भी आसानी से बना ली थी।