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भारत की बेटी ने रचा इतिहास, NASA JPL में ट्रेनिंग लेने वाली पहली भारतीय छात्रा बनीं

आज भारत की बेटियां भी हर क्षेत्र में अपना हुनर ​​दिखा रही हैं। एक समय था जब बेटियों को बोझ समझा जाता था, लेकिन आज के समय में बेटियों ने साबित कर दिया है कि वे हर मामले में पुरुषों के बराबर हैं। आज कोई लड़की पायलट बनकर प्लेन उड़ा रही है तो कोई वर्दी पहनकर देश की सेवा कर रहा है। आज हम आपको भारत की एक ऐसी होनहार बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने आज भारत को गौरवान्वित किया है।


इस होनहार बेटी का नाम जाह्नवी डांगेती है जो आज विदेशों में भारत का नाम रौशन कर रही है. जाह्नवी NASA JPL से ट्रेनिंग ले रही हैं. खास बात यह है कि जान्हवी भारत की पहली महिला हैं जिन्हें यह अधिकार दिया गया है। जाह्नवी पर आज सभी को वाकई गर्व है. जाह्नवी ने अपनी मेहनत से इतिहास रच दिया है. आइए जानते हैं जाह्नवी के बारे में.

जाह्नवी आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं
आज महिलाओं की स्थिति में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है, जहां एक समय में महिलाओं को केवल चार दीवारों के भीतर ही सीमित रखा जाता था, वहीं आज महिलाएं भी अपने सपनों को पूरा कर रही हैं। कुछ लोग अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में कर देते थे, लेकिन आज महिलाओं ने अपनी काबिलियत दिखाकर इन कुरीतियों को पीछे छोड़ दिया है। ऐसी है जान्हवी डांगेती की कहानी, जो आज कई लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई है।

जान्हवी आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी की रहने वाली हैं। हाल ही में उन्हें नासा जेपीएल में ट्रेनिंग करने का मौका दिया गया है जो वाकई जाह्नवी और पूरे भारत के लिए खुशी की बात है। जान्हवी इंजीनियरिंग कर रही है और वह इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में है। लेकिन आज बहुत कम उम्र में पूरे भारत को विश्व पटल पर पहचान दिलाने का काम जाह्नवी ने किया है. जिसके बाद सभी उनकी तारीफ भी कर रहे हैं.

महज 19 साल की उम्र में रचा गया इतिहास
जाह्नवी 19 साल की हैं और इतनी कम उम्र में उन्होंने वो कर दिखाया है जो कई लोग सिर्फ करने का सपना देखते हैं. वहीं जाह्नवी ने अपने इस काम से लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है. हाल ही में जान्हवी ने नासा लॉन्च ऑपरेशन कैनेडी स्पेस सेंटर में इंटरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम पूरा किया है, जिसमें खास बात यह है कि वह भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने इस प्रोग्राम को पूरा किया है।


इस टास्क को पूरा करने के लिए जाह्नवी को स्कॉलरशिप भी दी गई और इसी की मदद से उन्होंने अब अपना काम पूरा कर लिया है. साथ ही उन्होंने इतिहास भी रचा है. इतना ही नहीं आईएएसपी के लिए दुनिया के 20 युवाओं का चयन किया गया, जिसमें जाह्नवी भी शामिल थीं. उन्हें कैनेडी का मिशन निदेशक भी बनाया गया, जो वास्तव में भारत के लिए छाती चौड़ी करने वाली बात है। इस दौरान उन्होंने 16 लोगों के एक समूह का नेतृत्व किया, जिसमें कई देशों के लोग शामिल थे।

हवाई जहाज उड़ाने का भी मिला मौका

आपको बता दें कि इस टीम ने एक मिनिएचर रॉकेट भी लॉन्च किया और उसके बाद सफलतापूर्वक अपनी लैंडिंग कराई। कार्यक्रम के दौरान अंडरवाटर रॉकेट लॉन्च, जीरो ग्रेविटी और मल्टी एक्सेस ट्रेनिंग को भी शामिल किया गया। इस दौरान जाह्नवी को विमान उड़ाने का भी मौका मिला. आपको बता दें कि जाह्नवी शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छी है.

जाह्नवी की भी इस फील्ड में खास दिलचस्पी है. उन्हें शुरू से ही ग्रहों और अंतरिक्ष के बारे में जानने का शौक था। इसके अलावा जाह्नवी को भी कई चीजों का शौक है. जानकारी के मुताबिक जाह्नवी को स्कूबा डाइविंग का भी शौक है और वह इंटरनेशनल सर्टिफाइड ओपन वाटर स्कूबा डाइवर भी हैं. लेकिन अब इस कामयाबी को हासिल करने के बाद जाह्नवी ने पूरी दुनिया में एक अलग नाम बना लिया है.

कई रिकॉर्ड बना चुके हैं

जाह्नवी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उनका सपना मंगल पर जाने का है. साथ ही वह इस ग्रह पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला भी बनना चाहती हैं। जाह्नवी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है. जाह्नवी के मुताबिक वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए काफी मेहनत भी कर रही हैं.

इसके लिए वे किसी भी मौके को हाथ से जाने नहीं देते हैं। वह विभिन्न परियोजनाओं और कार्यशालाओं में भी भाग लेती है। उनकी टीम ने 16 प्रारंभिक और अस्थायी खोजें की हैं। आज उनका पूरा परिवार जाह्नवी की सफलता का जश्न मना रहा है और उन्हें अपनी बेटी पर भी गर्व है.

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