60 साल बाद बन रहा diwali मैं खरीदारी का ऐसा शुभ संयोग, धनतेरस में घर ले आएं ये चीजें
Dhanteras, Diwali 2021 भारत में दीपावली और धनतेरस जैसे त्योहारों पर खरीदारी की बहुत पुरानी परंपरा है। इस साल दिवाली और धनतेरस से पहले खरीदारी का बहुत ही शुभ मुहूर्त बनने भी जा रहा है। ज्योतिषविदों के मुताबिक, दिवाली से पहले खरीदारी के लिए महामुहूर्त गुरु पुष्य नक्षत्र 60 साल बाद शनि-गुरु की युति में ही आ रहा है। 28 अक्टूबर को मकर राशि में शनि-गुरु की युति तो रहेगी और पुष्य नक्षत्र की शुभता को बहुत बल भी मिलेगा। इस दिन सुबह 6:33 से 9:42 तक सर्वार्थसिद्धि योग भी बनेगा। इस दौरान नई चीजों की खरीदारी करना बेहद ही ज्यादा शुभ साबित होगा।

क्यों खास है पुष्य नक्षत्र? (Pusya nakshatra sayog for shopping)

ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी माना जाता है। इस नक्षत्र पर शनि और गुरु की विशेष रूप से कृपा होती है। शनि शक्ति और ऊर्जा के स्वामी भी माने जाते हैं। जबकि गुरु भी ज्ञान और धन का कारक होता है। इस साल गुरुवार, 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र के दिन शनि और गुरु दोनों ही एकसाथ मकर राशि में विराजमान भी रहेंगे। इस दौरान नई वस्तुओं की खरीदारी करने से घर में हमेशा शुभता बढ़ेगी।
किन क्षेत्रों में निवेश से होगा लाभ?
ज्योतिषियों के मुताबिक, शनि-गुरु की इस युति का व्यापार, उद्योग और कार्यक्षेत्र में अच्छा असर भी देखा जा सकता है। ऐसे में बीमा पॉलिसी, वाहन, विभिन्न प्रकार की योजनाओं में निवेश, लोहा, सीमेंट, ऑयल कंपनी, कपड़ा, लकड़ी और इलेक्ट्रानिक्स से जुड़ी क्षेत्र में निवेश या खर्च करने से बहुत जल्द ही लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी ओर बृहस्पति की अनुकंपा से शिक्षा और मेडिकल साइंस जैसे क्षेत्रों में सफलता भी मिल सकती है।
ये चीजें खरीदना फायदेमंद
शनि-गुरु की युति से बने गुरु पुष्य नक्षत्र में घर, जमीन सोने चांदी के गहने या सिक्के आदि साथ ही टू व्हीलर या फोर व्हीलर, इलेक्ट्रानिक्स आइटम्स, लकड़ी या लोहे का फर्नीचर, कृषि से जुड़ा सामान, पानी या बोरिंग की मोटर, बीमा पॉलीसी, म्यूचल फंड या शेयर मार्केट में निवेश करने से बहुत ही ज्यादा लाभ की प्राप्ति हो सकती है।
बहीखाते खरीदना शुभ हिंदू धर्म में पुष्य नक्षत्र पर किसी नए काम या व्यापार की शुरुआत करना बेहद ही ज्यादा शुभ माना जाता है। इस दिन अगर आप आप नए बहीखाते या कलम-दवात खरीदें तो भी काम-काज में शुभता बढ़ेगी। बहीखाते या कलम-दवात खरीदने के बाद इनकी विधिवत पूजा करें। आप चाहें तो धार्मिक पुस्तकों की भी खरीदारी कर सकते हैं।
60 साल पहले बना था ऐसा संयोग
ज्योतिषविदों का कहना कि ग्रह गोचर में पुष्य नक्षत्र के स्वामी और उपस्वामी की युति लगभग 60 साल बाद बन रही है। इससे पहले साल 1961 में ये दुर्लभ संयोग बना था।