डायबिटीज वालों के लिए वरदान है आपके आंगन में उगने वाला ये ‘पवित्र पौधा’, Blood Sugar Level यूं करे कंट्रोल


डायबिटीज वालों के लिए वरदान है आपके आंगन में उगने वाला ये ‘पवित्र पौधा’, Blood Sugar Level यूं करे कंट्रोल
“”कभी गाय तो कभी तुलसी के पौधे को लेकर योगी ने मारा वेदांती पर ताना, जानें क्यों है दोनों के बीच विवाद?
कभी गाय तो कभी तुलसी के पौधे को लेकर योगी ने मारा वेदांती पर ताना, जानें क्यों है दोनों के बीच विवाद?

आज के समय में डायबिटीज स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है। चूंकि यह बीमारी एक साइलेंटर किलर है, इसलिए बहुत जल्दी लोगों का ध्यान इस पर नहीं जाता और कई मामलों में तो तब तक पता नहीं चलता जब तक हार्ट और ब्लड वेसल्स प्रभावित ना हो जाएं। यदि आपको मध़ुमेह है, तो इसका मतलब है कि आपका शरीर आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से ग्लूकोज को ठीक से उपयोग करने में सक्षम नहीं है।

क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार, डायबिटीज हार्ट अटैक, हार्ट फेल , किडनी फेलियर, स्ट्रोक यहां तक की कोमा के लिए भी जिम्मेदार है। लेकिन कई अध्ययनों के अनुसार, आपके आंगने में उगने वाली एक जड़ी-बूटी जैसे तुलसी डायबिटीज को कंट्रोल करने में सक्षम है।
ग्लूकोज लेवल को अच्छे से कंट्रोल करती है तुलसी

मैसेडोनियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंटिस्ट में प्रकाशित एक अध्ययन ने जड़ी-बूटी के अर्क का उपयोग करके मधुमेह वाले चूहों पर इसके प्रभाव की जांच की। Express.co.uk के एक आर्टिकल में इस अध्ययन के बारे में बात की गई है। जहां तुलसी को विटामिन पैक जड़ी-बूटी कहा गया है। यह ब्लड शुगर लेवल को काफी कम कर देती है। मैसेडोनियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंटिस्ट में दिए गए टेस्ट के निष्कर्षों में पता चला कि तुलसी का ब्लड ग्लूकोज के स्तर पर अच्छा प्रभाव पड़ा।
मधुमेह को नियंत्रित करने में कारगार है
विशेषज्ञों की मानें तो, मधुमेह से जुड़ी जटिलताएं आपकी मौत की वजह बन सकती हैं। हालांकि एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर कुछ प्रकार के मधुमेह को रोका जा सकता है। वैसे तो मरीज इसके लिए कई दवा और इंसुलिन पर निर्भर रहते हैं, लेकिन आपके आंगन में उगने वाली तुलसी भी मधमुह को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।
तुलसी एक जानी-मानी औषधीय जड़ी-बूटी है। विभिन्न बीमारियों के आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर यह भारतीय जड़ी-बूटी बहुत काम आती है। तुलसी के पत्तों को भगवान का दर्जा प्राप्त है और लोग पौधे को पूरी श्रद्धा के साथ पूजते हैं। इसे भोजन, दवाओं, पानी, चाय में मिलाकर ले सकते हैं या फिर कच्चा भी इसका सेवन किया जा सकता है।