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समंदर में 2 बच्‍चों के साथ 4 दिन तक तैरती रही एक मां, खुद भूखे रहकर बच्चों को कराती रही स्तनपान

मां इस दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा होती है..’ यह महज एक डायलॉग ही नहीं बल्कि एक सच्चाई ही है। क्योंकि मां अपने बच्चे को मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी खुश रखने की पूरी कोशिश करती है। इस दुनिया में एक मां ही है जो अपने बच्चों का जीवन पूरी तरह से बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। जी हां.. ऐसा ही कुछ अमेरिका की एक मां ने कर के भी दिखाया है। इस मां की कहानी सुनने के बाद आपको पूरी तरह यकीन हो जाएगा कि वाकई इस दुनिया में मां सबसे बड़ी योद्धा ही होती है। सोशल मीडिया पर भी हर कोई इस मां की तारीफ भी कर रहा है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?


दरअसल, 3 सितंबर को वेनेजुएला से ला टॉर्टुगा (La Tortuga) जाने के लिए एक शिप निकली जिसमें 9 लोग बैठे हुए भी थे। इन्हीं 9 लोगों में 40 वर्ष की मैरिली चाकोन (Mariely Chacon) नाम की एक महिला भी थी। इस महिला के साथ दो बच्चे भी थे जिनमें एक 6 साल का बेटा और 2 साल की बेटी भी शामिल थी, साथ ही उसका पति भी शामिल था। इसके अलावा बच्चों की दाई वेरोनिका भी इसी शिप में सवार थी।

इस बीच कैरिबियाई क्षेत्र में इनके साथ बहुत बड़ा हादसा हुआ और तेज लहरों से टकराकर उनकी शिप पूरी तरह से टूट गई। इस दौरान शिप का कुछ हिस्सा डूब तो गया बल्कि कुछ हिस्सा एक फ्रीज समुद्र पर तैरता हुआ भी दिखा। ऐसे में मैरिली ने तुरंत अपने दोनों बच्चों को शिप के उस टूटे हुए हिस्से पर बैठा दिया और वह खुद बच्चों की दाई के साथ पानी में तैरती रही। मैरिली चाकोन अपने बच्चों को किसी भी कीमत पर खोना बिल्कुल भी नहीं चाहती थी ऐसे में उसने इस कठिन परिस्थिति का डटकर सामना भी किया।

मैरिली ने जैसे तैसे अपने बच्चों की जान तो बचा ही ली लेकिन भूख इन बच्चों की दुश्मन भी बन गई। चूँकि बीच समुद्र में खाना मिलना बिल्कुल भी न मुमकिन था। ऐसे में मैरिली ने अपने बच्चों को जिंदा रखने के लिए अपना ही यूरिन पीना शुरू किया ताकि उसके अंदर पानी की कमी बिल्कुल भी न हो और वो अपने बच्चों को स्तनपान भी कराती रही।

बच्चे भूख से बिल्कुल भी तड़पे ना इसलिए मां ने 4 दिन तक अपने बच्चों को अपना स्तनपान कराया। लेकिन जब तक उनके पास रेस्क्यू टीम पहुंची तब तक मां की जान तो जा चुकी थी। लेकिन बच्चे और उनके साथ गई 25 साल की वैरोनिका यानिकि नैनी पूरी तरह बच गई। हालांकि इन लोगों की हालत बहुत ही ज्यादा ख़राब थी।

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