टी20 विश्व कप (ICC T20 World Cup 2021) के लिए एक दिन पहले 15 सदस्यीय टीम इंडिया (Team India) का ऐलान तो हुआ। पर इस टीम से कई दिग्गजों की छुट्टी भी हुई है।, तो कई नए चेहरों को मौका भी मिला। लेकिन सबसे ज्यादा हैरत किसी एक नाम को लेकर हुई तो वो है, महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni Mentor) का था। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले धोनी को टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया में एक नई जगह दी गई। लेकिन एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि मेंटोर यानी मार्गदर्शक के रूप में धोनी की अगुवाई में ही टीम इंडिया 2 बार विश्व कप और 1 बार चैम्पियंस ट्रॉफी जीती है। वो टीम के लकी चार्म भी माने जाते हैं। हारी बाजी को पलटने का हुनर वह बखूबी जानते हैं। शायद इसी वजह से बीसीसीआई ने उन्हें टीम का मेंटॉर भी बनाया।
.@SGanguly99, President, BCCI is delighted with the move to have @msdhoni on board as #TeamIndia mentor for the #T20WorldCup 👏 👍 pic.twitter.com/9Ec4xdhj5d
— BCCI (@BCCI) September 9, 2021
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) भी धोनी को टीम इंडिया से जोड़ने के इस फैसले से बहुत खुश हैं। लेकिन उन्हें एक बात का डर भी सता रहा है। ‘आज तक’ पर जब उनसे धोनी को मेंटॉर बनाने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो, उन्होंने 17 साल पुराने एक किस्से का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि, मैं भी 2004 में टीम इंडिया के साथ बतौर कंसल्टेंट भी जुड़ा था। उस दौरान टीम के कोच जॉन राइट (John Wright) अपने पद को लेकर काफी चिंतित हो गए थे। उन्हें लगा कि मैं उनकी जगह ले लूंगा। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था।
धोनी को मेंटॉर बनाना टीम के लिए फायदेमंद
गावस्कर गावस्कर ने कहा कि, टी20 विश्व कप के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम के मेंटॉर नियुक्त करना। भारत के लिए यह अच्छी खबर है। बस, उम्मीद यही करनी चाहिए कि, धोनी और हेड कोच रवि शास्त्री के बीच किसी तरह का कोई टकराव भी ना हो।
शास्त्री और धोनी में टकराव की आशंका!
उन्होंने आगे कहा कि वैसे हेड कोच शास्त्री और धोनी में शायद टकराव तो ना हो। क्योंकि शास्त्री को पता है कि, धोनी की कोचिंग में कोई दिलचस्पी तो नहीं है। अगर धोनी और शास्त्री की सोच मेल खा जाती है। तो टी20 विश्व कप में टीम इंडिया को इसका काफी फायदा भी होगा। लेकिन अगर रणनीति या टीम सेलेक्शन को लेकर असहमति या मतभेद होते हैं, तो इसका असर टीम के प्रदर्शन पर तो पड़ सकता है। हालांकि, धोनी का टीम से जुड़ना भर ही उसकी ताकत में इजाफा करने के लिए बहुत है। उनके पास अनुभव की तो कोई कमी नहीं है। वो जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे। तब उनसे बड़ा और आक्रामक बल्लेबाज कोई नहीं था।
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि, धोनी की कप्तानी में ही भारत ने 28 साल बाद 2011 में विश्व कप जीता। इससे 4 साल पहले टीम टी20 की विश्व चैम्पियन बनी। ऐसे में धोनी का टीम इंडिया से जुड़ना हर लिहाज से बेहतर है। और इससे टीम को फायदा ही होगा।