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विवाह फिल्म की तरह, दिल को छू लेने वाला मामला

प्यार अगर सच्चा होता है तो उसे किसी का डर नहीं रहता है। प्यार से बड़ी ताकत इस दुनिया में कोई नहीं है। वर्ष 2006 में बनी सूरज बड़जात्या की फ़िल्म ‘विवाह’ शायद सभी को याद हो जिसमें दुल्हन बनने वाली अमृता राव अपनी चचेरी बहन को बचाने के चक्कर में शादी के दिन आग से जल जाती हैं और दूल्हा बने शाहिद कपूर उन्हीं से शादी करते हैं।

विवाह फिल्म कि तरह केस

उस फिल्म को देखने के बाद कई लोगों ने सोचा था कि यह तो बस फिल्मों में ही हो सकता है। वह रील लाइफ की पिक्चर है जो की काफी हिट भी हुई थी लेकिन यूपी के प्रयागराज में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला।

मामला सुन सभी ने किए तारीफ

जिसने भी इस मामले के बारे में सुना तारीफ किये बिना नहीं रह सका। हर किसी की आँखे भी नम हो गयी। दिल को छू लेने वाला मामला संगम नगरी प्रयागराज में देखने को मिला जहां हाथों में मेहंदी लगी अस्पताल के बेड पर पड़ी नई नवेली दुल्हन आरती है और उसके पास बैठा युवक इसका पति अवधेश है जो कि अपनी पत्नी की देखरेख में लगा है।

जोड़े कि मदद करने आगे आए लोग

भावुक हो कर कई लोगों ने इस जोड़े को मदद देने की घोषणा की है जो काफी मदद इनकी करेगा। आपको बता दें, प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके में रहने वाली आरती की शादी की तैयारियां पूरी हो गई थीं और एक शाम को बारात आने वाली थी लेकिन दोपहर में छत पर खेल रहे अपने तीन साल के भतीजे को बचाने के चक्कर में आरती छत से नीचे आ गिरी। हादसे में उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और दोनों पैरों की ताकत चली गई।ईश्वर का कहर कुछ ऐसा बरपा कि जिसने भी इस घटना को सुना वह भावुक हो उठा।

निजी अस्पताल में भर्ती करवाया

घरवालों ने आरती को प्रयागराज के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था। जब दूल्हे के घरवालों को इस घटना की सूचना दी गई, तब दो लोग दुल्हन का पता लेने के लिए गए। इसके बाद पूरी घटना की जानकारी दूल्हे को भी दी गई और फिर आरती के घरवालों ने दूल्हे को दुल्हन की छोटी बहन से शादी करने की बात कही। हालांकि अधिवेश ने ठान लिया था कि केवल आरती ही उसकी दुल्हन बनेंगी, कोई और नहीं। बता दे कि अपनी होने वाली दुल्हन का अवधेश काफी ध्यान रखते है और ऐसे में उनके रिश्तेदार तथा घरवाले भी उनकी हिम्मत और हौंसले की काफी तारीफ करते है।

बेड पर लेटे लेटे दुल्हन ने लिए सात फेरे

आरती के घरवाले भी डॉक्टर की इजाजत लेने के बाद उसे दोबारा एम्बुलेंस में एक दिन के लिए वापिस कुंडा ले गए और वहां बेड पर लेटे लेटे ही आरती और अवधेश के सात फेरे करवाए गए। इसके बाद आरती को दोबारा प्रयागराज के एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया। फ़िलहाल ये जो विवाह फिल्म की तरह अनोखी शादी असल जिंदगी में हुई है, वो प्यार करने वालों के लिए सच में एक मिसाल है, क्यूकि जिस मुश्किल के समय में अपने भी साथ छोड़ देते है, ऐसी मुश्किल घड़ी में अवधेश अपनी पत्नी आरती से शादी करने से पीछे नहीं हटा। तभी तो इन दोनों के फैसले की हर जगह काफी तारीफ हो रही है।

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