ऑटोड्राइवर ने लौटाए सवारी के 20 लाख के सोने, ईमानदारी की पेश की नयी मिसाल
दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं. इस बात के सबूत हम सबको समय समय पर मिलते ही रहते हैं. अच्छाई और ईमानदारी की ऐसी ही मिसाल पेश की है चेन्नई के ऑटो ड्राइवर सर्वना कुमार ने. जिन्होंने उनके ऑटो में छूटे सोने के गहनों से भरा बैग वापस लौटाया. 20 लाख के सोने के गहने लौटाने के कारण सर्वना कुमार की ना सिर्फ हर तरफ तारीफ हो रही है बल्कि उन्हें इसके लिए ईनाम भी मिला है. सोशल मीडिया पर भी लोग उनकी ईमानदारी के गुणगान कर रहे हैं.

चेन्नई में ऑटो चलाने वाले सर्वना के ऑटो में सवारी उतरते समय गलती से अपना बैग छोड़ गई. दरअसल, चेन्नई के एक कारोबारी, पॉल ब्राइट सर्वना के ऑटो में बैठे और अपने घर पर उतरते वक़्त अपना बैग ऑटो में छोड़ गए. सर्वना ने उनसे पैसे लिए और वहां से चले गए. सर्वना को थोड़ी देर बाद पता चला कि पॉल का बैग उन्हीं के ऑटो में रह गया है. सर्वना ने चेक किया तो उसमें सोने के गहने थे. वो उन्हें बैग वापस करने की सोचने लगे लेकिन उनके पास पॉल का नंबर नहीं था.
सर्वना ख़ुद ही बैग लेकर पुलिस के पास पहुंच गए
गहनों का बैग न मिलने की वजह से पॉल ने फ़ौरन Chromepet पुलिस थाने में कंप्लेंट लिखवाई पर उनके पास ऑटो का नंबर नहीं था. CCTV फ़ुटेज से ऑटो का पता लगाया गया, जोकि सर्वना की बहन के नाम पर रजिस्टर था. लेकिन इससे पहले की पॉल सर्वना के पास जाते, वो ख़ुद ही बैग लेकर पुलिस के पास पहुंच गए. जब सर्वना ने पॉल को यह बैग दिया, तो पॉल की आंखों में आंसू आ गए. सर्वना की ईमानदारी के लिए पुलिस ने उन्हें सम्मानित किया. जिस पर सर्वना का कहना था कि उन्होंने कुछ स्पेशल नहीं किया. उन्हें पता है कि ईमानदारी ही उन्हें जीवन में आगे ले जाएगी.
नहीं था ऑटो का नंबर
इस बीच जब पॉल और उसके परिवार वालों का ध्यान गायब बैग की ओर गया तो वे परेशान हो उठे। उन्होंने तुरंत क्रोमपेट पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज कराई। चूंकि उन्होंने भी ऑटो का नंबर नोट नहीं किया था इसलिए सीसीटीवी फुटेज से उसे तलाश गया। उसमें उन्हें नंबर तो मिल गया उसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि वह सरवन की बहन के नाम पर रजिस्टर्ड है।
ड्राइवर खुद पहुंचा पुलिस के पास
इससे पहले पुलिस टीम पॉल तक पुहंचती सरवन गहने लेकर पुलिस स्टेशन पहुंच गया। जब पॉल को गहने लौटाए गए तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। बाद में पुलिसवालों ने ऑटो ड्राइवर को फूलों का एक गुलदस्ता भेंट किया। हालांकि खुद सरवन को नहीं लगता कि उसने बड़ा काम किया है। वह कहता ।बैग देखकर मैं घबरा गया था। मुझे मालूम है कि मेरे अंतिम समय तक ईमानदारी ही मेरे काम आएगी। आज तक मैंने कभी अपने पैसेंजरों से ज्यादा किराया नहीं वसूला।