ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देने वाला 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करेगी, सरकार के लिए थोड़ा कठिन जरूर होगा

मॉनसून सत्र के आखिरी सप्ताह के पहले दिन ही सरकार कई अहम विधाई कार्य निपटाने की तैयारी में है। सोमवार को सरकार राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देने वाला 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करेगी। हालांकि, पेगासस सहित अन्य मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा जारी रहने की संभावना है। बावजूद इसके इस विधेयक को पारित करने में ज्यादा अड़चन नहीं आएगी, क्योंकि कोई राजनीतिक दल आरक्षण संबंधी विधेयक का विरोध नहीं करेगा।
हालांकि, हंगामे के बीच संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराना सरकार के लिए थोड़ा कठिन जरूर होगा। हाल में ही कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी। दरअसल, मई में उच्चतम न्यायालय ने अपने एक फैसले में राज्यों के ओबीसी सूची तैयार करने पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद यह विधेयक लाया जा रहा है। इससे राज्यों को दोबारा यह अधिकार मिल सकेगा।
The Lok Sabha passed the Constitution (127th) Amendment Bill to restore the states' power to make their own OBC lists.
This shows PM @narendramodi 's commitment to empower OBCs and strengthen federal structure. pic.twitter.com/1u6L1lo2Pl
— Vanathi Srinivasan (@VanathiBJP) August 11, 2021
संशोधन विधेयक पास होने से क्या होगा असर?
संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर अगर मुहर लग जाती है तो इसके बाद राज्यों के पास ओबीसी सूची में अपनी मर्जी से जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, हरियाणा में जाट समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल होने का मौका मिल सकता है।
लंबे समय से ये जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं। इनमें से मराठा समुदाय को महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आरक्षण दिया भी था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को दिए फैसले में इसे खारिज कर दिया था।