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ताइवान से विध्वंसक जंग जीतकर भी बर्बाद हो जाएगा चीन? आखिरी चरण में है चीनी नौसेना की तैयारी!

चीन ने अपनी गलत इरादों के कारण अनेकों पड़ोसी देशों को अपना दुश्मन बना लिया है. जापान, फिलिपिंस, वियतनाम और भारत के साथ अनेकों पड़ोसी देश चीन के खिलाफ खड़े हो चुके हैं. इस समय ताइवान चीन से डरा हुआ है. इन दिनों चीन विनाशकारी हथियारों को तैयार करने में लगा हुआ है. पिछले कई सालों में चीन ने अपनी नौसेना, वायु सेना और जल सेना में वृद्धि की है. इन सभी के कारण चीन सबसे ताकतवर देश बन चुका है. चीन त जल और जमीन मार्ग से ताइवान पर आक्रमण करने के बारे में सोच रहा है.

 

चीन ने अनेकों विनाशकारी परमाणु हथियारों के साथ अपनी सेना को जल और जमीन मार्ग से ताइवान की और भेज दिया है. यह ताइवान के लिए चिंता का विषय बन चुका है. वैसे ताइवान ताकतवर देशों में गिना जाता है और इसी के साथ उसे अमेरिका और जापान का भी सहयोग प्राप्त है. एक रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार चीन का ताइवान पर आक्रमण करना मुश्किल है. चीन का ताइवान कि ओर जल मार्ग से पहुंचना मुश्किल है इसके लिए चीन की सेना को बैक पावर की बहुत ही आवश्यकता है. वैसे चीन अपनी नौसेना की वृद्धि कर रहा है. आज चीन के पास आज आधुनिक पावरफुल जहान और समरीन मौजूद है. कहा जा रहा है अगर चीन ने ने जल्दबाजी ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश की तो उसे हार का सामना करना पड़ सकता है और उसकी पूरी नौसेना बर्बाद हो सकती है. यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए क्या चीन ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश करेगा?

चीन की नई प्लानिंग क्या है?

इ न दिनों शी जिनपिंग का ध्यान चीन की सेना में वृद्धि करने में लगा हुआ है.अपनी सेना की शक्ति के दम पर चीन सभी देशों के क्षेत्रों पर कब्जा करने के बारे में सोच रहा है.कुछ समय पहले ही सी जिनपिंग ने 40 हजार टन के टाइप 075 लैंडिंग हेलीकॉप्टर डेक जहाजों को अपनी सेना में में सम्मिलित किया है. अनेकों हेलीकॉप्टर को एक साथ ले जाने में सक्षम है. इस जहाज में लैंडिंग और हेलीकॉप्टर के टेकऑफ की सुविधा भी है.और यह जहाज विनाशकारी परमाणु हथियारों से भरा हुआ है.

क्या ताइवान को हरा पाएगा चीन?

जब से चीन ने अपनी सेना को जल और जमीन मार्ग से ताइवान की और भेजा है तब से यह चर्चा का विषय बन गई है? सबके मन में यही सवाल आ रहा है. क्या चीन अपनी विशालकाय सेना के दम पर ताइवान को हरा पाएगा. लेकिन ताइवान पर आक्रमण करना इतना आसान नहीं है. ताइवान की सेना चीन की सेना से कम नहीं मानी जाती. और इसी के साथ ताइवान को अमेरिका और जापान का सहयोग भी प्राप्त है. चीन की सेना का ताइवान तक पहुंचना मुश्किल है. चीन के पास वैसे तो विशाल जहाज है. लेकिन ताइवान पर आक्रमण करना और अपनी सेना को लाना और ले जाना इन जहाजों के बस की बात नहीं है. चीन अपनी इस सेना से ताइवान के एक या दो तटीय सेना पर कब्जा करने में सक्षम है.

कैसे बन गया खतरनाक चीन?

चीन के परमाणु हथियार और पावरफुल जहाजों को देखकर, कहा जा सकता है चीन शक्ति के मामले में सबसे आगे है. चीन की बढ़ती हुई शक्ति को देखकर उसके सभी पड़ोसी देश चिंता में पड़ चुके हैं. चीन दुनिया में सबसे ज्यादा जहाज निर्माण कार्य करता है और उनके यह जहाज दोहरे उदेश्य में काम आते हैं. चीन अपने यह जहाज व्यापार के लिए और नौसेना की शक्ति में वृद्धि के लिए करता है.चीन के पास सबसे पावरफुल जहाज मौजूद है जिस पर 40000 टन भार हेलीकॉप्टर एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाया जा सकता है. और इसी के साथ चीन हजारों लड़ाकू विमानों का तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है.

अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अपनी सेना में वृद्धि की है उसे तेज गति से चीन अपनी सेना में वृद्धि करते जा रहा है. चीन ने अपनी विशालकाय सेना को जहाजों के साथ ताइवान की और भेज दिया है. लेकिन अभी तक यह सवाल बना हुआ है क्या चीन ताइवान पर आक्रमण करेगा? अगर चीन ने ताइवान पर जल्दबाजी में आक्रमण किया तो उसे भी हार का सामना करना पड़ सकता है. जल्दबाजी में ताइवान पर आक्रमण कराना चीन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि ताइवान को अमेरिका और जापान का पूरा सहयोग प्राप्त है.

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